मुकाम है उसकी दिल खलवतों में,
ना जाने मुकाम-ए-इश्क कहाँ है।
दिल की बातें कहता है, वह एक मिसाल है,
इश्क का मुकाम, जहाँ सच्चा प्यार है।
उसकी आँखों में बसी हैं कहानियाँ,
मुकाम-ए-इश्क, है वहाँ जहाँ दिलों की बातें हैं।
ख्वाबों की ऊँचाईयों में, है उसका मुकाम,
ना जाने कहाँ है, वह इश्क का आलम।
उसकी मुस्कान में हैं सुकून की बातें,
मुकाम-ए-इश्क, है वहाँ जहाँ हर पल है प्यार की रातें।
ना जाने कहाँ है, पर उसका मुकाम,
इश्क की राहों में, वहाँ है सच्चा प्यार का आलम।